डिजिटल माँ

नम्रता पांडे जी 

डिजिटल माँ

मदर्स डे के अवसर पर ये मुहिम चला है तो मनोज मुंतसिर सर की चंद पंक्तियां माताओं को समर्पित

हिसाब लगाकर देख लो दुनिया के हर रिश्ते में कुछ अधुरा आधा निकलेगा।

एक माँ का प्यार है जो दूसरों से नौ महीने ज्यादा निकलेगा।।

मां अपने बच्चों के पालन पोषण के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देती है। उनको सर्वोत्तम परवरिश देना चाहती है। पहले एक स्त्री जब मां बनती थी तो अपने बड़े बुजुर्गो से पालन पोषण का ज्ञान प्राप्त करती थी।

आज के समय में माओ के लिए डिजिटल मीडिया एक गेम चेंजर की तरह की तरह है। यू ट्यूब आज के समय का सबसे अच्छा शिक्षक है जो घर बैठे सब कुछ सिखा देता है।

मैंने एक साल पहले मातृत्व सुख को प्राप्त किया। प्रेग्नेंसी के टाइम से ही बहुत सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। मेरे इस सफर में डिजिटल मीडिया ने एक संबल की तरह काम किया। दिमाग बहुत सारे सवाल उठते थे। कभी कभी नकारात्मकता हावी हो जाती थी। इन सबसे निकलने में गूगल, यू ट्यूब ने मेरी बहुत ज्यादा मदद की। रुद्र के जन्म के उनके पालन पोषण से रिलेटेड वीडियो, आर्टिकल, लेख सब पढ़ती रहती हूं, देखते रहती हूं। उनको किस महीने में किस तरह के न्यूट्रिएंट की जरूरत है और खाने में क्या क्या देना है,क्या खा सकते,क्या नहीं खा सकते इन सबकी जानकारी डिजिटल मीडिया के माध्यम से रख पाती हूं। 

उनके जरूरत के खिलौने,कपड़े, बुक्स आदि के लिए भी ऑनलाइन शॉपिंग करती रहती हुं। इस तरह से हम माओ के लिए डिजिटल मीडिया एक वरदान स्वरूप ही है




 सर्टिफिकेट डाउनलोड

प्रोफ़ाइल को शेयर करके मुझे बढ़ाने मे मदद करें

हमारी चयनित डिजिटल माँ से जुड़ें